मुख्य बिंदु:
सौर पीवी क्षमता में वृद्धि: "मेक इन इंडिया" पहल के तहत भारत की सौर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता 2.3 गीगावॉट से बढ़कर 67 गीगावॉट हो गई है।
सरकार का लक्ष्य: सरकार का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है, जिससे भारत वैश्विक बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सके।
मंत्री का बयान: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार घरेलू उद्योगों को हर संभव समर्थन दे रही है और भारत को स्वच्छ ऊर्जा समाधान के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उपाय और प्रोत्साहन: सरकार ने सौर पीवी मॉड्यूल और अपस्ट्रीम घटकों के लिए प्रडक्शन लिंक्ड इंसेंटीव (पीएलआई) योजना, बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली, और हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए इलेक्ट्रोलाइज़र जैसे उपायों की घोषणा की है।
निवेश और रोजगार: 48 गीगावॉट सौर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण परियोजनाएं पीएलआई योजना के तहत चल रही हैं, जो 1.1 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करेंगी और लगभग 45,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेंगी।
भविष्य की संभावनाएं: भारत को 2026 तक प्रति वर्ष 100 गीगावॉट सौर मॉड्यूल उत्पादन क्षमता हासिल करने की उम्मीद है, जो घरेलू मांग के साथ-साथ निर्यात को भी पूरा करेगा।
स्रोत: PIB Delhi
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