मुख्य बिंदु:
उद्देश्य: भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने "मिशन कोकिंग कोल" के अंतर्गत आयातित कोयले पर निर्भरता को कम करने के लिए रणनीतिक पहलों की शुरुआत की है, जो आत्मनिर्भर भारत विजन को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
नीलामी प्रक्रिया में सुधार: बीसीसीएल ने इस्पात उत्पादकों के लिए कोकिंग कोयला नीलामी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और आकर्षक बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इनमें कंसोर्टियम बोली की शुरुआत और पात्रता मानदंडों में संशोधन शामिल हैं।
ट्रांच VI और VII नीलामी: ट्रांच VI में कोई कोयला बुक नहीं हुआ, जिसके बाद बीसीसीएल ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। ट्रांच VII में, 3.36 मीट्रिक टन कोकिंग कोयले में से 2.40 मीट्रिक टन की सफल बुकिंग की गई, जिससे एक नया मानक स्थापित हुआ।
प्रतिबद्धता: बीसीसीएल के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री समीरन दत्ता ने नीलामी प्रक्रिया को समावेशी और पारदर्शी बनाने के प्रयासों की सराहना की है। उनका मानना है कि इससे घरेलू कोकिंग कोयले के उत्पादन में वृद्धि होगी और आयात निर्भरता में कमी आएगी।
आर्थिक प्रभाव: इन पहलों से भारत के इस्पात उद्योग को मजबूती मिलेगी और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
स्रोत: PIB Delhi
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