मुख्य बिंदु:
भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत: प्रतिभागियों ने बताया कि यह पहली बार है जब भारत ने दोनों कैटेगरी (ब्वॉयज और गर्ल्स) में गोल्ड मेडल जीता। टीम ने कुल 44 में से 40 अंक प्राप्त किए, जो अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन रहा है।
बढ़ती लोकप्रियता: प्रतिभागियों ने कहा कि हाल के वर्षों में शतरंज की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। खेलों के दौरान दर्शकों की उपस्थिति और समर्थन ने खिलाड़ियों को प्रेरित किया।
2022 की प्रेरणा: पिछली बार 2022 के ओलंपियाड में भारतीय टीम के गोल्ड से चूक जाने की वजह से इस बार टीम का उत्साह और प्रतिबद्धता ज्यादा मजबूत थी। इसी दृढ़ संकल्प ने उन्हें गोल्ड जीतने में मदद की।
एआई का उपयोग: प्रधानमंत्री ने एआई के शतरंज में उपयोग के बारे में पूछा, और खिलाड़ियों ने बताया कि एआई ने शतरंज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे नई तकनीक और रणनीतियां विकसित हुई हैं।
प्रधानमंत्री की खेलों के प्रति प्रतिबद्धता: प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि एक देश की प्रगति केवल आर्थिक सफलता से नहीं होती, बल्कि खेल, विज्ञान, कला, और अन्य क्षेत्रों में भी महारत हासिल करने से होती है। उन्होंने खिलाड़ियों को जीवन में कभी संतोष न करने की सलाह दी और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
चेस में व्यक्तिगत अनुभव: प्रतिभागियों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए, जैसे कि किस तरह वे पहले दिग्गज खिलाड़ियों से ऑटोग्राफ लेने दौड़ते थे, और अब लोग उनसे ऑटोग्राफ लेने आते हैं। यह भारतीय शतरंज की प्रगति का प्रतीक है।
फिजिकल फिटनेस का महत्व: प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को फिजिकल फिटनेस और योग के महत्व के बारे में बताया और कहा कि यह मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत रहने में मदद करता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।
अन्य खेलों से प्रेरणा: प्रधानमंत्री ने अपने अनुभवों का जिक्र किया जब उन्होंने गुजरात में खेल महाकुंभ का आयोजन किया था, जिसमें हजारों बच्चे और वयस्क हिस्सा लेते थे। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि वे केवल खेल में ही नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में महान बनने की कोशिश करें।
स्रोत: PIB Delhi
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