Saturday, October 19, 2024

"हालिया अध्ययन ने पार्किंसन रोग में आंत-दमाग के संबंध को उजागर किया, 'गट-फर्स्ट हाइपोथिसिस' का समर्थन किया"

 नमस्कार दोस्तों! आप सभी का स्वागत है सोशल अड्डाबाज़ पर! आज हम आपके लिए एक महत्वपूर्ण शोध और उससे जुड़े नए निष्कर्ष लेकर आए हैं।

हाल ही में किए गए अध्ययनों ने पार्किंसन रोग के बारे में एक नई परिकल्पना प्रस्तुत की है, जिसे "गट-फर्स्ट हाइपोथिसिस" कहा जा रहा है। इस परिकल्पना के अनुसार, पार्किंसन रोग की शुरुआत आंतों में होने वाली समस्याओं से हो सकती है, जो बाद में मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं। एक महत्वपूर्ण अध्ययन, जो JAMA Network Open में प्रकाशित हुआ, यह दर्शाता है कि जिन लोगों की ऊपरी आंत में क्षति होती है, उनके पार्किंसन रोग विकसित होने की संभावना 76% अधिक होती है।

गट-ब्रेन कनेक्शन
नए प्रमाण आंतों के स्वास्थ्य और पार्किंसन रोग के बीच एक मजबूत संबंध की ओर इशारा करते हैं। कई मरीजों में रोग के लक्षणों से पहले वर्षों तक कब्ज और अन्य पाचन समस्याएं देखने को मिलती हैं। यह सुझाव देता है कि पार्किंसन केवल मस्तिष्क से शुरू नहीं होता, बल्कि इसकी जड़ें आंतों में हो सकती हैं।

पार्किंसन रोग में पाचन समस्याएं
अक्सर, पार्किंसन रोगी अपने चलने-फिरने में कठिनाई से पहले पाचन संबंधी समस्याओं, खासकर कब्ज, का सामना करते हैं। यह संकेत है कि बीमारी की शुरुआत आंत से हो सकती है। आंत में मौजूद डोपामिनर्जिक न्यूरॉन्स भी मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो इस गट-ब्रेन संबंध को और मजबूत करता है।

गट माइक्रोबायोम की भूमिका
आंत का माइक्रोबायोम, जिसमें कई प्रकार के बैक्टीरिया शामिल होते हैं, शरीर की प्रतिरक्षा और चयापचय जैसी महत्वपूर्ण क्रियाओं में मदद करता है। जब आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन होता है, जिसे डिस्बायोसिस कहा जाता है, तो इसे पार्किंसन रोग से जोड़ा गया है। वैज्ञानिक अब यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि आंतों के बैक्टीरिया में होने वाले बदलाव मस्तिष्क के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

आहार और आंत का स्वास्थ्य
हमारा आहार हमारी आंत के स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालता है। अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन और एंटीबायोटिक्स का अनुचित उपयोग आंतों में बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे पार्किंसन रोग का खतरा बढ़ सकता है। दूसरी ओर, फाइबर से भरपूर आहार और एंटीबायोटिक्स का सावधानीपूर्वक उपयोग आंतों को स्वस्थ बनाए रख सकता है और बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है।

निदान और उपचार की नई संभावनाएं
आंत और मस्तिष्क के बीच के इस संबंध को समझने से पार्किंसन के शुरुआती निदान और इलाज की नई संभावनाएं खुल सकती हैं। यदि डॉक्टर आंतों में होने वाले शुरुआती लक्षणों और बैक्टीरिया में असंतुलन का जल्द पता लगा सकें, तो यह पार्किंसन का जल्दी निदान करने में मददगार हो सकता है। भविष्य में, फेकल माइक्रोबायोटा ट्रांसप्लांटेशन जैसी थेरेपी इस बीमारी को नियंत्रित करने या उसकी प्रगति को धीमा करने में सहायक हो सकती है।

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