महत्वपूर्ण घटनाएँ
1688: फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। यह युद्ध, जिसे "नौजवान युद्ध" कहा जाता है, ने यूरोप में शक्ति संतुलन को बदल दिया और फ़्रांस को एक प्रमुख सैन्य शक्ति के रूप में उभारा। इस युद्ध का प्रभाव लंबे समय तक जारी रहा और इससे यूरोप के विभिन्न राष्ट्रों के बीच तनाव बढ़ा।
1726: ईस्ट इंडिया कंपनी को बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में नगर निगम और महापौर अदालतें स्थापित करने का अधिकार मिला। यह अधिकार भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश शासन के तहत स्थानीय प्रशासन को व्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण था। इससे शहरों का विकास और बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ, जो औपनिवेशिक शासन के दौरान भारतीय समाज की संरचना को प्रभावित करता था।
1789: अमेरिका में अटॉर्नी जनरल का कार्यालय बनाया गया, जो राष्ट्रपति की कैबिनेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना। इसका उद्देश्य संघीय कानूनों को लागू करना और कानूनी मामलों में राष्ट्रपति को सलाह देना था। यह कार्यालय अमेरिका के कानूनी ढांचे का एक मूलभूत तत्व बन गया और इसके माध्यम से कानून और न्याय का प्रवर्तन किया गया।
1932: डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच पुणे की यरवडा सेंट्रल जेल में ‘दलितों’ के लिए विधानसभाओं में सीटें सुरक्षित करने को लेकर एक विशेष समझौता हुआ। यह समझौता भारतीय समाज में जाति व्यवस्था के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम था और अंबेडकर ने इसे भारतीय समाज में सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण माना। यह समझौता दलित समुदाय के राजनीतिक अधिकारों को मान्यता देने में सहायक रहा।
1932: बंगाल की क्रांतिकारी राष्ट्रवादी प्रीतिलता वाडेदार देश की आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह करते हुए अपने जीवन का बलिदान किया। उनके साहस और बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका को उजागर किया और उन्हें एक प्रेरणास्रोत बना दिया।
1948: होंडा मोटर कंपनी की स्थापना हुई, जो जापान की एक प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी है। कंपनी ने मोटरसाइकिलों से शुरुआत की और बाद में कारों के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण स्थान बनाया। होंडा ने वैश्विक स्तर पर ऑटोमोबाइल उद्योग में क्रांति लाई और आज यह दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल निर्माता कंपनी है।
1965: यमन को लेकर सऊदी अरब और मिस्र के बीच समझौता हुआ। इस समझौते ने मध्य पूर्व की राजनीति में स्थिरता लाने का प्रयास किया और इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया। यह समझौता अरब राष्ट्रीयता के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण था।
1968: दक्षिण अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड ने संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता प्राप्त की। यह सदस्यता स्वाजीलैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय में मान्यता और समर्थन का प्रतीक थी। यह स्वाजीलैंड की राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।
1971: ब्रिटेन ने जासूसी के आरोप में 90 रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया। यह कदम ब्रिटेन और रूस के बीच बढ़ते तनाव का प्रतीक था और यह दर्शाता है कि जासूसी गतिविधियाँ कैसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं।
1978: पूर्व सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया। यह परीक्षण वैश्विक सुरक्षा और शांति के लिए एक चिंता का विषय बन गया और परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय चर्चा को प्रोत्साहित किया।
1990: पूर्वी जर्मनी ने खुद को वारसा संधि से अलग किया, जो शीत युद्ध के अंत की ओर संकेत करता है। यह निर्णय पूर्वी यूरोप में लोकतांत्रिक आंदोलनों और स्वतंत्रता की लहर का हिस्सा था।
1996: अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किए। यह संधि विश्व में परमाणु परीक्षणों को रोकने के प्रयास का हिस्सा थी और इसे वैश्विक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।
2003: फ़्रांस के राष्ट्रपति जैक्स शिराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया। यह समर्थन भारत की बढ़ती शक्ति और वैश्विक कूटनीति में उसकी भूमिका को मान्यता देने का संकेत था।
2009: देश के पहले चंद्रयान-1 ने चाँद की सतह पर पानी खोज निकाला, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान में एक बड़ी सफलता थी। इस खोज ने चंद्रमा के अध्ययन में नए द्वार खोले और भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया।
2014: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह मंगलयान ने मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया, जिससे भारत ने अंतरिक्ष में एक नई उपलब्धि हासिल की। यह मिशन तकनीकी कौशल और विज्ञान में भारतीय उत्कृष्टता का प्रतीक बना।
जन्में व्यक्ति
1856: प्रताप नारायण मिश्र - हिन्दी खड़ी बोली और 'भारतेन्दु युग' के उन्नायक। उन्होंने हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में योगदान दिया।
1861: भीकाजी कामा - प्रसिद्ध भारतीय महिला क्रांतिकारी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली नेता। उन्हें भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली पहली महिला के रूप में भी जाना जाता है।
1925: औतार सिंग पैंटल - भारतीय चिकित्साशास्त्र के वैज्ञानिक, जिन्होंने चिकित्सा अनुसंधान में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए।
1950: मोहिन्दर अमरनाथ - भूतपूर्व प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान दिया और खेल को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
1963: पंकज पचौरी - वरिष्ठ टेलीविज़न पत्रकार, जिन्होंने भारतीय मीडिया में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का कवरेज किया और पत्रकारिता में नई दिशा दी।
1971: लिम्बा राम - भारत के पहले प्रसिद्ध तीरंदाज, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी में सफलता प्राप्त की और भारतीय तीरंदाजी को मान्यता दिलाई।
1940: आरती साहा - भारत की प्रसिद्ध महिला तैराक, जिन्होंने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और तैराकी में कई रिकॉर्ड बनाए।
निधन
1859: नाना साहब - सैन्य विद्रोह में सक्रिय रहे नाना साहब उर्फ धुंदु पंत का नेपाल में निधन। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय था।
2006: पद्मिनी - दक्षिण भारतीय अभिनेत्री और मशहूर भरतनाट्यम नृत्यांगना। उनके नृत्य ने भारतीय कला और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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