Tuesday, September 24, 2024

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन: महिलाओं के नेतृत्व में विकास

 भारत का विकास और महिलाओं का सशक्तिकरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के विजन के तहत, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि महिलाएं विकास की इस दौड़ में पीछे न छूटें। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई परिवर्तनकारी पहलों की शुरुआत की गई है।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम)

यह योजना महिलाओं की मजबूत संस्थाओं के माध्यम से गरीबी कम करने और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने पर केंद्रित है। अब तक 92.06 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में 10.03 करोड़ से अधिक महिलाएं शामिल हो चुकी हैं।

लखपति दीदी योजना

यह योजना उन महिलाओं को लक्षित करती है जो एक लाख रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय अर्जित करती हैं। प्रधानमंत्री ने हाल ही में जलगांव में 11 लाख "लखपति दीदी" महिलाओं को प्रमाण पत्र सौंपे।

केंद्रीय बजट 2024-25: नारी शक्ति पर फोकस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने महिलाओं के कल्याण के लिए 3.3 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास और क्रेच जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

महिलाओं के लिए प्रमुख पहलें:

  1. कौशल और रोजगार: महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम।
  2. मुद्रा ऋण: महिला उद्यमियों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि।
  3. समावेशी आर्थिक अवसर: महिला उद्यमियों को समर्थन देने के लिए योजनाओं का विस्तार।

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)

इस योजना के तहत 70% से अधिक घर महिलाओं को आवंटित किए गए हैं, जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा बढ़ी है।

महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण

स्थायी परिवर्तन के लिए स्थानीय ज्ञान और बहु-हितधारक सहयोग आवश्यक है। केंद्र सरकार का समग्र दृष्टिकोण महिलाओं को विकास की धारा में सशक्त बना रहा है।

जैसे-जैसे ये प्रयास जारी रहेंगे, भारत का विकास 2047 तक सभी महिलाओं के लिए सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर होगा।

स्रोत: PIB Delhi

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